मध्य प्रदेश की एक जिला अदालत ने चूड़ी विक्रेता Tasleem को बरी किया, जिस पर भीड़ द्वारा हमला करने के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
बाइज़्ज़त बरी Tasleem को वो वक़्त कौन लौटाएगा?
भोपाल – मध्य प्रदेश की एक जिला अदालत ने मंगलवार को चूड़ी विक्रेता Tasleem Ali को बरी कर दिया, जिसे 2021 में इंदौर में एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न और उसके शील को ठेस पहुँचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
Tasleem Ali ने सभी आरोपों से बरी होने के बाद कहा, “मुझे संविधान पर पूरा भरोसा था। सत्य की हमेशा जीत होती है। मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूँ, जिन्होंने इस मुश्किल समय में मेरा साथ दिया।”
इंदौर जिला अदालत ने तस्लीम अली को उसके खिलाफ लगाए गए POCSO अधिनियम सहित सभी आरोपों से बरी करते हुए अपना फैसला सुनाया। गिरफ्तारी के कुछ महीने बाद ही वह जमानत पर बाहर आ गया था।
उत्तर प्रदेश के हरदोई के मूल निवासी 25 वर्षीय Tasleem Ali को 13 वर्षीय लड़की को अनुचित तरीके से छूने के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। इंदौर पुलिस ने Tasleem Ali को इंदौर की एक नाबालिग लड़की की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसमें उस पर उसे गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया गया था। लड़की ने यह भी आरोप लगाया था कि तस्लीम अली ने खुद को गोलू के रूप में पेश किया था।
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हालांकि, पुलिस द्वारा उसे इंदौर के बाणगंगा इलाके से गिरफ्तार करने से पहले, जहां वह अपनी चूड़ियों की दुकान लगाता था, एक भीड़ ने उस पर हमला किया और उसे बेरहमी से पीटा। उसके पास से कथित तौर पर दो आधार कार्ड बरामद किए गए।
तस्लीम अली चूड़ियाँ बेच रहा था, जब गुंडों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया, उसे धमकाया और उस पर हमला किया। भीड़ ने 10,000 रुपये नकद, एक मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज के अलावा 25,000 रुपये से अधिक की चूड़ियाँ भी छीन ली थीं।
हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उसकी गिरफ्तारी के कुछ महीने बाद उसे जमानत दे दी, यह देखते हुए कि आरोपों की प्रकृति उसे आगे हिरासत में रखने की गारंटी नहीं देती और उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
आये दिन ऐसे केस देखने को मिलते हैं जब लोगों को पकड़ कर जेल में डाला जाता है और कई साल के बाद बाइज़्ज़त बरी कर दिया जाता है क्यूंकि उनपे आरोप सिद्ध नहीं होते।
लेकिन तस्लीम अली का वो समय जो जेल में बिता उसका ज़िम्मेदार कौन है? जो मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी उसका जिम्मेदार कौन? हालाँकि जब तस्लीम के साथ मारपीट हुयी थी उस समय तस्लीम की तरफ से फिर की गयी थी उस फिर का क्या हुआ? तस्लीम की तो गिरफ़्तारी हुयी लेकिन जो वायरल वीडियो में लोग उसे मार रहे थे उनके खिलाफ क्या करवाई हुयी?
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