News Desk: धानका समाज ने अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर निकाली कलश यात्रा, सर्व धानका समाज नांगलोई व अखिल भारतीय धानका आदिवासी समाज के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर शोभा यात्रा व कलश यात्रा का आयोजन रेलवे रोड पर किया गया. इस अवसर पर विधायक दुर्गेश पाठक (Durgesh Pathak), भारतीय आदमजाति सेवक संघ के महासचिव अजय कुमार दुबे, वनवासी कल्याण आश्रय दिनेश कुलकर्णी, क्षेत्रीय पार्षद हेमलता लाडला, मुण्डका विधायक प्रतिनिधि सुनील लाकडा, क्षेत्र के प्रमुख समाज सेवी राजेन्द्र लाडला अतिथि के रूप मे शामिल हुए.
धानका समाज ने अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर निकाली कलश यात्रा
कार्यक्रम की अध्यक्षता नत्थू लाल मोरवाल ने की और संचालन अखिल भारतीय धानका आदिवासी समाज के संयोजक राजेन्द्र खर्रा ने किया. कार्यक्रम का आरम्भ डा. भीमराव अम्बेडकर व स्वर्गीय डालचंद आर्य के चित्रो पर श्रदासुमन करके किया गया. इस अवसर पर अतिथि के रूपमे दुर्गेश पाठक ने सर्व धानका समाज नांगलोई व अखिल भारतीय धानका आदिवासी समाज की सहराना करते हुए कहा कि इनके प्रयास से धानका समाज आज भी अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ नजर आ रहा है.
अपनी संस्कृति व परम्परा को रखने के लिए समय-समय पर आदिवासी सत्यता को दर्शाने के लिए व अपने बच्चो को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम करते रहते है. उन्होने धानका समाज की मांग पर आश्वासन देते हुए कहा कि वे प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द निर्देश देकर हल कराएगे.
आदम जाति सेवक संघ के महासचिव अजय कुमार चौबे ने आदिवासियो का महत्व बताते हुए कहा कि आदिवासियो से ही जीवन आरंभ हुआ है ओर आदिवासियो को सोच से सभी अविष्कारों और सभी साधन सुविधाओं का जन्म हुआ है. हमें अपने आदिवासी होने पर गर्व होना चाहिए. राजेन्द्र लाडला ने धानका समाज में जागरूकता फैलाने के लिए राजेन्द्र खर्रा धानका समाज का पथ प्रदर्शक बताया.
राजेंद्र लाडला ने श्री खर्रा को पुरी कॉलोनी के सभी समाज को एक सूत्र मे बाँधने वाला ऐसा धागा बताया जो अनेक वर्षो से अहम भूमिका निभा रहा है. सुनील लाकडा ने अपने सम्बोधन मे सभी को धानका समाज से प्रेरणा लेकर अपने-अपने समाज को जागरूक करने का आह्वान किया.
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कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजेन्द्र खर्रा में आदिवासी सभ्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता को संजोकर रखना बहुत जरूरी है. हमें अपने बच्चों को हमारी संस्कृति व सभ्यता से परिचय कराते रहना चाहिए. श्री खर्रा ने कार्यक्रम मे आए दुर्गेश पाठक का ध्यान दिल्ली सरकार व दिल्ली नगर निगम की विभिन्न योजनाओं मे धानका समाज के प्रमुखता से भागीदारी सुनिश्चित किए जाने का निवेदन किया.
इस शोभा यात्रा में धानका समाज के नांगलोई क्षेत्र के बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था. छोटे-छोटे बच्चों ने आदिवासियों के परिधान मे आदिवासी संस्कृति व सभ्यता को दर्शाने वाली झाकियों का प्रदर्शन किया, जिससे यात्रा मे आए सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खीचा. क्षेत्र के लोगों ने बताया कि धानका समाज के बच्चों में प्रतिभा कुटकुट कर भरी है. इस अवसर पर एक जैसी साड़ियाँ पहने सैकड़ो महिला सर पर कलश लिए आनंद के साथ नृत्य करती हुई दिखाई दी. युवाओ द्वारा एक जैसी टी शर्ट पहने आदिवासियो के महापुरूष के नारे लगा रहे थे.
नांगलोई क्षेत्र मे अनेक जगह लोगों ने इस यात्रा का फुल वर्षाकर स्वागत किया व विभिन्न समाज के लोगों ने सदभावना का परिचय देते हुए जलपान की व्यवस्था की। यात्रा को व्यस्थित बनाए रखने मे नांगलोई (Nangloi) पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों का समर्पण देखते बन रहा था. क्षेत्र के लोगों के अनुसार नांगलोई के इतिहास मे ऐसी शोभायात्रा इससे पहले नहीं निकली.ऐसा आयोजन समय-समय पर होना चाहिए ताकि आजकल की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़ी रहे. सरकार को भी समय-समय पर संस्कृति से जुड़ें कार्यक्रम चलाना चाहिए.
इस यात्रा को आयोजन करने मे ताराचंद बामणिया, महेन्द्र कुमार मांवर, विक्की खनगवाल, कुन्दन तवर, कर्ण बामणिया, राजेश देहराण, मुकेश खर्रा, राजकुमार डाबला सहित बहुत से कार्यकर्ताओं ने अहम भूमि निभाई.