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न्यूयॉर्क:
कोरोना से स्वस्थ हो चुके मरीजों में वायरस के नए स्ट्रेन (Corona Virus New Strain) से लड़ने की क्षमता पैदा हो जाती है. महामारी से उबर चुके लोग कम से कम 6 माह या उससे भी अधिक वक्त तक कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से भी सुरक्षित रहते हैं.एक अमेरिकी अध्ययन में यह सामने आया है. कोरोना से संक्रमित होने के बाद लंबे समय तक प्रतिरोधी तंत्र (Immunity System) सक्रिय रहता है और यह वायरस के अन्य स्वरूपों जैसे कि संक्रमण के दक्षिणी अफ्रीकी स्ट्रेन को भी रोक सकता है. पत्रिका नेचर (Nature) में प्रकाशित शोध के अनुसार, प्रतिरोधी कोशिकाएं एंटीबॉडी बनाती हैं और ये बाद में विकसित होती रहती हैं.
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अमेरिका के रॉकफेलर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का मानना है कि यह अध्ययन अब तक का सबसे मजबूत साक्ष्य पेश करता है कि प्रतिरोधी तंत्र वायरस अटैक को याद रखता है. संक्रमण समाप्त होने के बाद भी एंटीबॉडी की गुणवत्ता में सुधार करता रहता है.वैज्ञानिकों का मानना है कि संक्रमण से उबर चुका कोई व्यक्ति अगली बार वायरस के संपर्क में आता है तो इम्यूनिटी सिस्टम तेजी से और प्रभावी ढंग से काम करते हुए दोबारा संक्रमित होने से बचाता है.
रॉकफेलर विश्वविद्यालय (Rockefeller University) के माइकल सी नूसेन्जवीग के अनुसार, यह उत्साहित करने वाली खबर है. जिस तरह की प्रतिरोधी क्षमता हम स्वस्थ हो चुके मरीजों में देख रहे हैं,वह कुछ वक्त के लिए प्रभावी सुरक्षा प्रदान कर सकती है. कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी (Antibody) रक्त के प्लाज्मा में कई हफ्तों या महीनों के लिए सक्रिय रहती हैं. हालांकि समय के साथ इनका स्तर काफी हद तक गिर जाता है.शोधकर्ताओं ने पाया कि हर वक्त एंटीबॉडी तैयार करने के बजाय प्रतिरोधी तंत्र एक मेमोरी बी सेल (कोशिका) बनाता है ,जो कोरोना वायरस को पहचानती है और जब वह दूसरी बार इसके संपर्क में आती है तो तत्काल नए एंटीबॉडी छोड़ देती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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