नई दिल्ली:
इजराइली दूतावास (Israeli embassy Blast) के पास शुक्रवार शाम को हुए धमाके के मामले में सुरक्षा एजेंसियों को कुछ ठोस सुराग नहीं हाथ लगा है. दरअसल, घटना के वक्त विस्फोट स्थल के पास लगे ज्यादातर सीसीटीवी काम नहीं कर रह थे. आधिकारिक पुलिस सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के जांच दल ने इजराइली दूतावास के निकट धमाके की जगह का और साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से दौरा किया.
यह भी पढ़ें
इलाके के कुछ CCTV कैमरों की फुटेज हासिल हो गई है. सूत्रों ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे से हासिल की गई फुटेज में विस्फोट से ठीक पहले एक गाड़ी संदिग्ध अवस्था में दूतावास के पास नजर आ रही है. एक अन्य सूत्र ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल से कुछ नमूने भी एकत्र किए गए हैं. इससे कम तीव्रता वाले विस्फोट में इस्तेमाल रसायनों के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी.
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल वाल बेयरिंग के हिस्से जमीन पर बिखरे थे. विस्फोट का असर 20 से 25 मीटर तक महसूस किया गया. दिल्ली के लुटियंस इलाके में औरंगजेब रोड पर स्थित इजराइली दूतावास के निकट यह आईईडी विस्फोट हुआ था. इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ था. सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं को इजराइली दूतावास का पता लिखा एक लिफाफा मिला है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इसकी जांच कर रही है. सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि आईईडी को इजराइली दूतावास के बाहर जिंदल हाउस के निकट एक गमले में रखा गया था. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम ने धमाके की जगह का दौरा किया था.
धातुओं एवं बॉल बेयरिंग समेत वहां मौजूद सबूत एकत्र किए. दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव भी पहुंचे थे. एक सूत्र ने कहा कि मौके से जब्त की गई सभी सामग्री दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी को सौंपी गई है. लैब के सूत्रों ने कहा कि एकत्रित नमूने मिलने पर उन्हें अपने विस्फोटक पदार्थ संबंधी विशेषज्ञ दल को भेजेंगे. केवल रासायनिक जांच के जरिए ही नमूनों की संरचना पता चल पाएगी.
यह विस्फोट उस समय हुआ था, जब वहां से कुछ किलोमीटर दूर गणतंत्र दिवस समारोहों के समापन के तौर पर होने वाला ”बीटिंग रीट्रिट”चल रहा था. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैकेंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे. यह धमाका जिस दिन हुआ, उस दिन भारत और इजरायल के कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 29वीं वर्षगांठ थी.