केवाईएस ने की पश्चिम बंगाल की सीएम से सार्वजनिक माफी की मांग

क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आज दिल्ली के बंग भवन के बाहर आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सभी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

HamaraTimes.com | केवाईएस ने की पश्चिम बंगाल की सीएम से सार्वजनिक माफी की मांग

केवाईएस ने की पश्चिम बंगाल की सीएम से सार्वजनिक माफी की मांग

न्यूज़ डेस्क- क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने आज दिल्ली के बंग भवन के बाहर आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सभी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

केवाईएस ने की पश्चिम बंगाल की सीएम से सार्वजनिक माफी की मांग

ज्ञात हो कि जब 15 अगस्त को आधी रात को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, उसी समय मेडिकल कॉलेज में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन में गुंडों ने घुसपैठ कर अस्पताल में तोड़फोड़ की। पुलिस की इन असामाजिक तत्वों को रोकने में विफलता, न केवल उसकी उदासीनता बल्कि दोषियों और सत्ताधारियों के साथ उसकी मिलीभगत को भी दर्शाता है।

गौरतलब है कि बलात्कार और हत्या की घटना 9 अगस्त को हुई थी, जब एक पोस्ट-ग्रेजुएट प्रशिक्षु डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई। कहा जा रहा है कि डॉक्टर अपनी शिफ्ट के बाद 2 बजे सेमिनार कक्ष में आराम करने गई थी। अगली सुबह वह अपने शरीर पर चोटों के निशान के साथ मृत पाई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि डॉक्टर के साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर हत्या की गई। रिपोर्ट में गैंगरेप की संभावना भी जताई गई है।

मौजूद सबूतों के आधार पर पुलिस ने केवल एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति की नियुक्ति वास्तव में संदिग्ध है और रिपोर्टों के अनुसार वह कॉलेज के पूर्व प्राचार्य का करीबी था। प्राचार्य भी खुद अपने करियर में भ्रष्टाचार सहित विभिन्न गंभीर मामलों में शामिल रहे हैं और उन्हें बार-बार निलंबित और स्थानांतरित किया गया है। इस मामले में भी जब उन्होंने इस घटना को आत्महत्या का मामला कहकर मृतिका को दोषी ठहराया तो उन्हें अवकाश पर जाने के लिए कहा गया। मृतिका को दोषी ठहराने के कारण उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन 24 घंटे बाद उन्हें कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्राचार्य के रूप में फिर से बहाल कर दिया गया।

इसके अलावा, आज आधी रात के बाद अज्ञात गुंडे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में घुस आए और अस्पताल में तोड़फोड़ की। यह तोड़फोड़ आधी रात के विरोध प्रदर्शन के बीच हुई, जो अस्पताल में 9 अगस्त, 2024 को डॉक्टर के साथ हुई भयानक बलात्कार व हत्या के खिलाफ किया जा रहा था। यह गौर किया जाना चाहिए कि यह तोड़फोड़ बिना किसी डर के की गई, जो कि राज्य सरकार के तहत सार्वजनिक व्यवस्था के पतन को उजागर करती है।

पूरे घटनाक्रम में कॉलेज ही नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन की भी निष्क्रियता स्पष्ट रूप से उदासीन रही है। अब तक, किसी अन्य संदिग्ध को नहीं पकड़ा गया है, जबकि विशेषज्ञ इसे गैंगरेप का मामला बता रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने तो इस मामले को भारी मुआवजा राशि के माध्यम से ‘सुलझाने’ की भी कोशिश की। मामला अब सीबीआई को सौंप दिया गया है और यह महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने में  प्रणालीगत विफलता को उजागर करता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार आरजी कार अस्पताल में, जो प्रतिदिन 3,500 से अधिक रोगियों को देखता है, वहां काम करने वाले कई प्रशिक्षु डॉक्टर – कुछ 36 घंटे तक लगातार काम करते हैं – उन्हें कोई निर्धारित विश्राम कक्ष नहीं दिया गया था, जिससे उन्हें तीसरी मंजिल के सेमिनार कक्ष में आराम करना पड़ता था। सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण, महिलाएं विशेष रूप से ऐसी घटनाओं के लिए असुरक्षित थीं। राज्य-भर में ऐसी असुरक्षित कार्य परिस्थितियों के बावजूद, इस घटना के संज्ञान लेते हुए सत्ताधारी राजनीतिक दल की ओर से उन्हें संबोधित नहीं किया गया है। केवल इस घटना को दबाने का प्रयास सामने आया है।

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वर्तमान मामले में, राजनीतिक तंत्र, कॉलेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बीच की सांठगांठ स्पष्ट रूप से सामने आई है। क्रांतिकारी युवा संगठन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए माफी की मांग करता है। केवाईएस यह भी मांग करता है कि इस मामले में शीघ्र जांच की जाए और सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन पर हमला करने वाले और इमरजेंसी बिल्डिंग में तोड़फोड़ करने वाले लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। पूर्व कॉलेज प्राचार्य को बर्खास्त किया जाना चाहिए, बजाय इसके कि उन्हें कोई और बेहतर पद दिया जाए। साथ ही, कॉलेज प्रशासन, पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक तंत्र के बीच की सांठगांठ की भी जांच की जानी चाहिए। केवाईएस सभी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त उपायों की भी मांग करता है।

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