HDFC ERGO इंश्योरेंस फ्रॉड: ग्राहक डेटा हुआ लीक? पुरानी पॉलिसी के नाम पर ₹70,000 की ठगी, नोएडा के सुमित कुमार ने उठाए सवाल!
नोएडा, 16 November 2025: देश की प्रमुख बीमा कंपनी HDFC ERGO के नाम पर एक बड़े धोखाधड़ी (Insurance Fraud) और ग्राहक की निजी जानकारी के दुरुपयोग (Data Misuse) का मामला सामने आया है। नोएडा के निवासी सुमित कुमार ने एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दावा किया गया है कि पुरानी, लैप्स हो चुकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के बहाने उनसे लगभग ₹70,000 की ठगी की गई। यह घटना बीमा सेक्टर में ग्राहक डेटा की सुरक्षा और कर्मचारियों की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
कैसे हुआ पूरा फ्रॉड?
मामले की शुरुआत जुलाई 2025 में हुई। सुमित कुमार ने 2019 में HDFC ERGO से एक हेल्थ पॉलिसी खरीदी थी, जिसका उन्होंने बाद में नवीनीकरण (Policy Renewal) नहीं कराया। लगभग 6 साल बाद, उन्हें अचानक HDFC ERGO के प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले व्यक्तियों के कॉल और ईमेल आने लगे।
सुमित कुमार के अनुसार: “मुझे बताया गया कि मेरी पुरानी पॉलिसी ‘ऑटो-डेबिट मोड’ पर है और उसका रिन्यूअल जरूरी है। जब मैंने कैंसिलेशन की बात की, तो एक तथाकथित प्रतिनिधि ने कैंसिलेशन के नाम पर ₹69,890 का भुगतान करने को कहा और चार महीने बाद पूरे रिफंड का आश्वासन दिया।”
श्री कुमार ने आधिकारिक दिखने वाले ईमेल पर भरोसा करके भुगतान कर दिया। भुगतान के बाद, उनके लिए एक “जाली पॉलिसी” जारी की गई, जिसमें उनका व्यक्तिगत विवरण (मोबाइल, नॉमिनी, जन्मतिथि, वार्षिक आय) तक बदल दिया गया था।
धोखाधड़ी की परतें खुलीं
मामले में तब और मोड़ आया जब एक दूसरी कॉल आई, जिसमें एक ‘एक्सीडेंटल पॉलिसी’ को रद्द करने के लिए और भुगतान की मांग की गई। इस मांग पर सुमित कुमार को शक हुआ और उन्होंने तुरंत HDFC ERGO ग्राहक सेवा से संपर्क किया।
ग्राहक सेवा ने पुष्टि की कि यह एक फ्रॉड है।
जांच में पता चला कि सुमित कुमार के नाम पर दो फर्जी पॉलिसियाँ जारी की गईं, जिनमें उनकी व्यक्तिगत जानकारी में बड़े बदलाव किए गए थे:
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फर्जी पॉलिसी 1: 2822207614564900000
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फर्जी पॉलिसी 2: 3317207613679300000
इस पूरे फ्रॉड में दो एजेंटों के नाम सामने आए हैं: अंकित मिश्रा (मोबाइल: +91 9769839127) और अरमान आज़ाद मुल्ला (एम्प. कोड: 201795648643, मोबाइल: +91 8108226379)।
अधूरा रिफंड: कंपनी की जवाबदेही पर सवाल
सुमित कुमार ने कई बार शिकायतें दर्ज कराईं और ईमेल भेजे। लंबी जद्दोजहद के बाद, उन्हें अब तक केवल ₹55,033 का आंशिक रिफंड मिला है, जबकि उनकी पूरी राशि ₹69,890 अभी भी बकाया है।
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यह मामला केवल आर्थिक नुकसान का नहीं है, बल्कि यह इस बात का सबूत है कि कैसे ग्राहकों का संवेदनशील डेटा (नाम, पता, पॉलिसी हिस्ट्री) कंपनी के भीतर से लीक हुआ और उसका दुरुपयोग हुआ।
उपभोक्ता जागरूकता: मीडिया की अपील
यह घटना बीमा ग्राहकों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। सुमित कुमार ने इस मामले को उपभोक्ता जागरूकता (Consumer Awareness) और पब्लिक इंटरेस्ट रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित करने की अपील की है ताकि अन्य लोग ऐसे फ़र्ज़ी इंश्योरेंस कॉल्स से सतर्क रह सकें।
सुमित कुमार ने कहा है कि उनके पास सभी डिजिटल प्रमाण (ईमेल, भुगतान स्क्रीनशॉट आदि) मौजूद हैं, जिन्हें वे सत्यापन के लिए उपलब्ध करा सकते हैं।
💡 HDFC ERGO और IRDAI को देनी होगी जवाबदेही
यह मामला दिखाता है कि कैसे पुराने ग्राहकों की पॉलिसी डिटेल्स तक फ्रॉड करने वाले गिरोह की पहुंच है। बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) और HDFC ERGO को इस बात की गहन जांच करनी होगी कि:
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ग्राहक का पुराना और संवेदनशील डेटा कैसे लीक हुआ।
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कंपनी के कर्मचारी (अंकित मिश्रा, अरमान आज़ाद मुल्ला) इस फ्रॉड में किस हद तक शामिल हैं।
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पूरी राशि का रिफंड अब तक क्यों नहीं किया गया है।
हम पाठकों से अनुरोध करते हैं कि बीमा संबंधी किसी भी भुगतान से पहले आधिकारिक वेबसाइट या पंजीकृत ग्राहक सेवा नंबर पर पॉलिसी और एजेंट की प्रामाणिकता की जाँच अवश्य करें।
नोट: यह रिपोर्ट HDFC ERGO के उपभोक्ता श्री सुमित कुमार (जिनके साथ ये धोकाधड़ी हुयी है) द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार है।
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